स्टाफ की मिलीभगतप्रशासन दबा रहा मामले को
जयपुर. अस्पताल चाेरों के साफ्ट टारगेट हो गए हैं। एसएमएस, महिला, जयपुरिया के बाद अब जनाना अस्पताल में लोगों के सामान (पर्स-मोबाइल) के अलावा उपकरणों की चोरी भी होने लगी है। लेकिन जनाना अस्पताल में हुई चोरी में अस्पताल के ही किसी स्टाफ की मिलीभगत है। ऐसा इसलिए क्योंकि शायद ही किसी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) से उपकरण चोरी हुए हों। अब जबकि ओटी के अंदर किसी भी परिजन का प्रवेश ही नहीं कराया जाता तो स्टाफ के बिना चोरी संभव नहीं है। जनाना अस्पताल में कुछ दिन पहले ओटी में से लेप्रोस्कोपी सर्जरी करने के महत्वपूर्ण और महंगे पार्टस चोरी हुए हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह कि अस्पताल प्रशासन मामले को दबाता रहा और पुलिस को भी सूचना नहीं दी। ऐसे में चोरों के हौंसले बुलंद हैं और जनाना अस्पताल में लगातार चेारी की घटनाएं हो रही हैं।
कितने के पार्टस, चोरी कैसे – अस्पताल क्यों छिपा रहा
ओटी से चाेरी हुए पार्टस कितने रूपए के हैं और कौन-कौन से पार्टस चोरी हुए हैं, यह अस्पताल प्रशासन छिपा रहा है। जबकि अस्पताल प्रशासन काे चार दिन पहले ही इसकी लिखित शिकायत दे दी गई थी। यहां तक कि पार्टस तक चोर कैसे पहुंचा, उस दिन अस्पताल के ओटी में किस-किस की डयूटी थी और कौन-कौन अंदर गया, यह भी प्रशासन पिछले दिनों में नहीं पता चला सका। सामने आ रहा है कि मामले में अस्पताल के ही स्टाफ की भूमिका है और प्रशासन पूरे मामले को दबाना चाह रहा है।
जयपुरिया में भी हाथ खाली
जयपुरिया अस्पताल में पांच महीने पहले चोरी हुई 16 लाख की मशीन का भी ना ताे प्रशासन पता लगा सका है और ना ही पुलिस। जबकि यहां हर ओर कैमरे लगे है। अब जबकि यहां भी स्टाफ की ही मिलीभगत है तो अस्पताल प्रशासन मामले को दबाता रहा है। इसी तरह जनाना अस्पताल में भी कैमरे लगे हैं लेकिन प्रशासन मामले को हल्के स्तर पर ले रहा है। जबकि यहां भी करीब लाखों रुपए के पार्टस चोरी होने की संभावना बताई गई है।